Friday, February 26, 2010

वन्दनीय भारत भूमि हमारी

प्रस्तुत कविता २९/०३/२००२ लो लिखी गयी थी, जिसे में अब आप सब के सामने इस ब्लॉग से प्रकाशित कर रहा हूँ | आप सब से निरंतर आशीर्वाद चाहूँगा |
वन्दनीय भारत भूमि हमारी 


वन्दनीय भारत भूमि हमारी
करें नमन इनके चरणों को |

पुण्य कर्म से गोद में इसके
निर्भय होकर पलते हम 
फूलों के इस गुलसन में
है एक नाम हमारा भी 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
कर नमन अपने पूर्वजों को 
त्रिलोकी की कृपा से
है अनुपम सौभाग्य हमारा 
इस आदित्य के सौरमंडल में 
है एक पुंज हमारा भी 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
करें नमन इनके प्रहरी को
गिरिराज की छत्रछाया में 
पाया वर अभय का हमने 
अडिग अविचल ना झुकना सीखा
पर सदा ही प्रेम बहाना सीखा 
वन्दनीय भारत भूमि हमारी
अनुपम आभा मुख की

स्वर्णिम कांति आदित्य की
आभाष देती स्वर्ग की
रखती शांत भर्फों के तले
असंख्य सागर की वर्वाग्नी 
वन्दनीय भारत भूमि हमारी
नयन किस्सा कहते इनकी 
एक नयन में देखा
पंज प्यारों की ज्वाला
दूजे में पाया 
अश्रुं-धारा प्रेम की |

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
है प्राण हममे इनसे 
नासिका के एक द्वार में
हर्षों उल्लास की शीतल मलय
दुसरे द्वार से आती 
विनाशमय ज्वाला की लपटें 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
कितनी प्यारी माँ हमारी 
अपने ममता के चुम्बन से
प्राण भरते हममे 
क्रांति लाती चेहरे पर 
पेशी बढाती बाहू की

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
हैं इनके वृषभ कंधे 

करते प्रेमपूर्वक अभिवादन 
अमन-चैन के दूतों का
ललकारे उन्ही भुजाओं से
हवानियत के शैतानो से 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
खेले इसके आँगन में 
समय की नब्ज देखकर 
ध्वनि इसी की सुनकर 
होते राहें प्रकट बारम्बार
कमलनयन इस क्यारी में 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
कठोर कटिप्रदेश  इनका |
पत्रों के आँगन में,
खिलते बाजरे के फूल
अपने बंजरता के पीछे
रखे अनमोल रतन 

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
विशाल जंघ प्रदेश इनका

समृधि के आँचल से,
दहकती आन हमारी
याद दिलाती हमको 
कैसी अतीत हमारी

वन्दनीय भारत भूमि हमारी
पूजे इनके चरणों को

सागर की लहरें जानती 
गाथा बलिदानों की 
निशान बेड़ियों की 
लाली आज़ादी की   


समाप्त  





What i am liked in the movie " Three Idiots'' and "My Name is Khan"

I have a unique habit of watching movie with aloneness. I don't like any interfare while i watching movies or taking class.

Recently I watched both abovesaid superhit movies and what i most liked in this. The scene of teaching lesson of similarity in religion and differences in humon-being by mother of khan through the way of Cartoon, is the best part of movie in my opinion. Ah..... if this type of teaching skills are used by our primary teachers, then many changes would brought in society, which we want.

Same the concept of  study for learning not for mere degree is showing intelligently by director in the movie "Three Idiots" by drafting the unique story of Rancho.

I hope in future these type of creatives comes always in Bollywood.

A very happy wishes to all of you on the coming celebration of Eid-E-Milad and Holi.