Saturday, July 11, 2015

आज का मुक्तक १०.०७.२०१५

जिन सीनों में कुछ राज दफ़न हों
उन सांसों को खामोश कर दो ,
मगर क्या करें उन आँखों को ,
जो मरने पर भी राज उगल देती है |

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