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Saturday, July 25, 2015

आज का मुक्तक २५.०७.२०१५

शहीद चंद्रशेखर आजाद की याद में आज का मुक्तक ,
 
 
काबिल नहीं हैं ये सियार और गीदड़
कि नमन कर सके उन शेरों को,
जिन्होंने बलिदान दिया सिर्फ इसलिए ...

कि स्वराज होगा, कोई गुलाम नहीं होगा
और कोई कत्लखाना नहीं होगा यहाँ
पर अब हर कोई गुलाम है किसी और गुलाम का
स्वराज के नाम पर पार्टी-तंत्र और कॉरपोरेट-तंत्र
और अफ़सोस है कि ये सियार और गीदड़
खा रहे नोच-२ कर लाश ........हाँ जिन्दा लाश को
कि कत्लखाना ही तो है यहाँ हर जगह...हर जगह |

Saturday, July 11, 2015

आज का मुक्तक १०.०७.२०१५

जिन सीनों में कुछ राज दफ़न हों
उन सांसों को खामोश कर दो ,
मगर क्या करें उन आँखों को ,
जो मरने पर भी राज उगल देती है |

Friday, July 10, 2015

आज का मुक्तक १०.०७.२०१५

जो आँखे है दफ़न मगरूर रंगीन चश्मों से,
उन्हें क्या खाक दिखेगा रंग सच्चाई का

आज का मुक्तक ०९.०७.२०१५

वक़्त आखिर तू नाकाफी ही रहा
वक्त के लिए मुझे तैयार करने में

Friday, June 26, 2015

आज का मुक्तक (२६.०६.२०१५)

 
भले ही था एक बूंद प्यार का मेरे पास,
पर कतरा-२ उस बूंद का अर्पण था तुझे,
पर पता नहीं, कैसे प्यासे रह गए तुम,
उससे जो मधुशाला की प्यास बुझा गया|
 
- पथिक (२६.०६.२०१५)

Friday, May 29, 2015

आज का मुक्तक (२९.०५.२०१५)

जिन्दगी का एतबार मत करना, 
मौत का इंतजार मत करना | 
किसी गफलत में मत रहना यारों,
स्वर्ग-नर्क यहीं हैं, कसूरवार मत बनना|


- पथिक (२९.०५.२०१५)

Thursday, April 23, 2015

आज का मुक्तक (२३ .०४.२०१५)

आ.आ.पा. की रैली में हुई घटना पर -

लाशों और आहों पर चढ़कर,
तमाम रोटियों सेक लो तुम सत्ता की,
और जश्न मना लो तुम कुर्सी का,
मगर याद रखना  कि ,
हर लाश कब्र खोदती है
जिसमे दफ़न होगी तुम्हारी तमाम खुशियाँ

- पथिक 

Saturday, October 11, 2014

आज का मुक्तक (११ .१०.२०१४)

ज़िन्दगी यूँ बेवजह ना बीत जाये 
सफलता के पैमानों के बीच 
रिश्तों के मयखाने ना छुट जाये 
और बन्दे तुम्हारे ठहाकों के बीच
किसी की सिसकियाँ अनसुनी ना रह जाये


-पथिक