सरस्वती-वंदना
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हे माँ सरस्वती, हे माँ मैथिल
प्रथम प्रणाम करै छि हे |
कलियुगक अंधियार भगाउ
अहींक शरण आयल छि हे ||
हे माँ महामाया, हे ज्ञानमुद्रा,
मनक भ्रम के दूर करू |
दिय इजोरिया ज्ञान के,
मनक अन्हरिया दूर करू ||
हे माँ महाविद्या, हे महाभागा,
अहि अज्ञानी के ज्ञान दिय |
छि हम अहींक भरोसे माँ
हमर कर्म के सौभाग्य दिय ||
हे माँ वैष्णवी, हे विशालाक्षी,
सतगुण पर जोर करू |
परा-अपरा के हाथ फेरु
सूतल कुंडली पर चोट करू||
हे माँ महापाशा, हे महाकारा,
हर बाधा स मुक्त करू |
दोष- विकार स दूर राखु माँ
पथिकक भक्ति स्वीकार करू ||
हे माँ शारदे, हे माँ भारती
भारतक भाग्य उदय करू
सोनक चिरियां, विश्व-गुरु के
फेर से प्रतिष्ठित करू ||
हे माँ सरस्वती, हे माँ मैथिल
प्रथम प्रणाम करै छि हे |
कलियुगक अंधियार भगाउ
अहींक शरण आयल छि हे ||
दिनांक १८.०२.२०१८
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