Thursday, July 29, 2010

मेरी जाति हिंदुस्तानी



नई दिल्ली, 27 जुलाई 2010 | जनगणना में जाति को शामिल करने के विरोध में "सबल भारत" द्वारा संचालित " मेरी जाति हिंदुस्तानी आंदोलन" ने आज एक विशाल मार्च का आयोजन किया| सैकड़ों, छात्र , लेखकों, पत्र्कारों, बुद्घिजीवियों, उद्योगपतियों एवं किसानों ने 13, बाराखंबा रोड से जंतर-मंतर तक मार्च किया| इस मार्च का नेतृत्व आंदोलन के सूत्र्धार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने किया|
                                                 मार्च में भाग लेनेवाले अनेक राष्ट्रीय ख्याति के लोग नारे लगाते जा रहे थे कि "सौ बातों की बात यहीं, जनगणना में जात नहीं", "जनगणना में जात नहीं, भारत को तू बांट नहीं", "भारतमाता की यह बानी, मेरी जाति हिंदुस्तानी" आदि|
                                                 मार्च का समापन जंतर-मंतर पर हुआ| जंतर-मंतर पर एक विराट सभा हुई| सभा में विशेष रूप से भाजपा के वरिष्ठ नेता, जाने-माने अधिवक्ता तथा राज्यसभा सांसद श्री राम जेठमलानी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यपाल श्री बलराम जाखड़, प्रसिद्घ पत्र्कार टाइम्स आफ इंडिया के पूर्व मुख्य संपादक डॉ. दिलीप पडगांवकर, पूर्व केन्द्रीय मंत्र्ी श्री आरिफ मो. खान, भारत के पूर्व जाइंट चीफ आफ इंटेलिजेंस श्री आर के खंडेलवाल, राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यसभा सांसद श्री महेशचंद्र शर्मा, पूर्व राजदूत श्री जगदीश शर्मा, प्रसिद्घ नृत्यागंना सुश्री उमा शर्मा, प्रसिद्घ समाजसेवी श्रीमती अलका मधोक एवं फिल्म मेकर डॉ. लवलीन थडानी, जैन मुनि डॉ. लोकेशचंद्र, ईसाई नेता श्री फ्रांसिस आदि वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया| सभा की अध्यक्षता आंदोलन के सूत्र्धार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने की|
                                         सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता तथा भाजपा के सांसद श्री राम जेठमलानी ने कहा कि मैं इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करता हूं तथा इस आंदोलन के लिए मैं अपने रक्त की अंतिम बूँद तक बहाने को  तैयार हूं| हमारे देश को गुलाम बनाए रखने के लिए जाति का आधार ही अंग्रेजों का मुख्य हथियार था| उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राबर्ट क्लाइव ने ईस्ट इंडिया कंपनी को लिखे अपने पत्र् में कहा था कि हम भारत में खुश हैं, हमारी ताकत तथा व्यापार दिन प्रतिदिन मजबूती से बढ़ रहा है, क्योंकि भारत के लोग जाति के नाम पर बंटे हुए हैं|
                                        श्री बलराम जाखड़ ने कहा कि जनतंत्र् में हम सभी को अपनी बात कहने का हक है| भारत की अखंडता एवं एकता की रक्षा हमारा धर्म है| हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे देश बंटे| जनगणना में जाति को शामिल करना देशद्रोह के समान है| यह सबसे बड़ा कुकर्म है| इससे बड़ा बुरा काम कोई और नहीं हो सकता|
                                  जुलूस में भाग ले रहे वरिष्ठ पत्र्कार डॉ. दिलीप पडगांवकर ने कहा कि जातिगत बातें मात्र् वोट बैंक की राजनीति के लिए है| हमारे लिए देश का संविधान सबसे प्रमुख है और गणतंत्र् को बचाने के लिए जातीय जनगणना का विरोध करना आवश्यक है| संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि जाति, धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए| आंबेडकर का अंतिम भाषण सभी को पढाया जाना चाहिए, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कोई भी जातीय-भेदभाव नहीं होना चाहिए|
                                  देश के पूर्व राजदूत जगदीश शर्मा ने कहा कि जातीय आधार पर देश को बांटने की कोशिश भारत को सारी दुनिया में बदनाम कर देगी| भारत की सेना इसीलिए महान मानी जाती है कि उसका आधार जाति नहीं, राष्ट्र है|
                                  भारत के पूर्व जाइंट चीफ आफ इंटेलिजेंस आर. के. खंडेलवाल ने कहा कि देश को जोड़ने के लिए गांधीजी ने हिन्दु-मुस्लिम एकता का काम किया था| आज हम जातिगत बंटवारा कर के देश को कहां ले जा रहे है ?
                                       पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री आरिफ मो. खान ने कहा कि जातीय गणना बिल्कुल अवैज्ञानिक है| इसके आधार पर गरीबों का नहीं, कुछ जातियों की मलाईदार परतों का ही भला हो सकता है|
                              रैली को संबोधित करते हुए जैन मुनि लोकेशजी ने कहा कि जाति से बड़ा हमारा राष्ट्र है| यदि राष्ट्र एक और अख्ंाड रहा तो हम रहेंगे, वर्ना हम ही कहां रह पाएंगे| दलित ईसाई नेता फ्रांसिस ने कहा कि जाति एक घातक बीमारी है| हम सब एक हैं| जातिगत आधार पर कोई भेदभव नहीं होना चाहिए|
                              इस मौके पर प्रसिद्घ कलाकार उमा शर्मा, समाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अलका मधोक और श्रीमती लवलीन थडानी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया| कार्यक्रम का संचालन आंदोलन के सूत्र्धार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने किया| श्री अशोक कावडि़या ने मुख्य अतिथियों और जुलूस में भाग लेनेवाले साथियों को धन्यवाद दिया|

Wednesday, July 21, 2010

मेरी जाति हिन्दुस्तानी

मेरी जाति हिन्दुस्तानी

विगत लोकसभा सत्र के अंतिम दिनों में तीन क्षेत्रियों दलों के अध्यक्षों ने होनेवाली जनगणना  जातिगत  आधार पर करवाने के लिए सरकार पर दबाब डाला, जो की निसंदेह आरक्षण की भांति  महज  एक  राजनितिक   स्वार्थ-पूर्ति  का  हथकंडा  था | पर ताजुब्ब  की बात  यह  थी  की हमारे  माननीय  प्रधानमंत्री जी जो एक बेहद संजीदा और बुद्धिमान व्यक्ति हैं, वो इस दबाब में बेवजह आ गए और इस प्रस्ताव के लिए सर्वसम्मति दे दी | वर्तमान में प्रस्ताव मंत्री-समूह के अधीन है |

जाति हमारे समाज की वास्तविकता है लेकिन यह भी सच है की जाति और धर्म के नाम पर  की गयी और होने वाली राजनीति ने हमें कहाँ ले जाने वाला है इससे हम सभी अवगत हैं | और हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है की जहाँ एक ओर सरकार बहरी है वहीँ दूसरी ओर जनता भी उदासीन है | सिर्फ इसी प्रश्न  पर नहीं बल्कि हरेक प्रश्न पर यही हाल है, जो यह दर्शाता है की हम वास्तव में वास्तविक लोकतंत्र  से कितने दूर हैं |

सबसे बड़ी बात राष्ट्रीय एकता का सबसे मजबूत स्तंभ, भारतीय सेना, जो पहले जाति गत आधार पर बटालियन का निर्माण करता था, वह विगत ३५ वर्षों से मिश्रित बटालियन का निर्माण कर रहा है और इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिला |

दूसरी और एक ग्रामीण का यह कहना जाति का गणित, ग्रामीण विकास की राह में एक बहुत बड़ा रोड़ा है, हमारी आँखे खोल देने के लिए काफी है | साथ ही इस जाति-प्रथा की वजह से हिन्दू धर्म को छोड़कर  बोद्ध और ईसाई धर्म  को अपनाने वाले लोगों के सामने भी यह एक बड़ा ही प्रश्न-चिन्ह खड़ा हो गया, जिसका जबाब सरकार के पास नहीं है | इसके अलावे विजातीय शादी करने वाले दम्पति भी अवाक् हैं |

समस्याए अनन्त हैं और शायद यह प्रस्ताव फिर से मंडल का भूत ना खड़ा कर दे और हमारे विकास रथ को पता नहीं किस दिशा में मोड़ दे | अतः जरुरी  है की एक जिम्मेदार नागरिक की भांति हम सरकार की इस अदूरदर्शी-निर्णय का विरोध करें |

इशी उद्देश्य के लिए डॉ. वि. पि. वैदिक के नेतृत्व में  सबल भारत का गठन किया गया | विगत १८ जुलाई को सरकार के इसी विध्वंसकारी निर्णय के विरोध में जैन मुनि माननीय लोकेश जी के नेतृत्व में सामूहिक उपवास का कार्यक्रम रखा गया था जोकि बेहद ही सफल रहा | इसमें सभी धर्मों, वर्गों, समुदायों और उम्रों के लोगों ने शिरकत की थी और सबों ने एकजुट होकर सरकार की इस घटिया पहल का पुरजोर विरोध किया | अब हमारा अगला कार्यक्रम यह है की हम सब २७ जुलाई दिन मंगलवार को 10 बजे पूर्वाह्न  से राजधानी में विरोध जताने के लिए सबल भारत के कार्यालय १३, बाराखम्बा रोड से जंतर-मंतर तक पैदल मार्च करेँगे |  इस शुभ काम के लिए  आप सबसे अनुरोध है की आप सब इसमें भाग लेकर हमारा सहयोग करें | अतिरिक्त जानकारी के लिए http://www.meijatihindustani.com/ या http://www.merijaatihindustani.com/   पर क्लिक करें या सबल भारत के कार्यालय १३, बाराखम्बा रोड, नई दिल्ली, दूरभाष - ०११-२३३२५०६८, पर संपर्क करें.

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